निदा-ए-यतीम (यतीम बच्चाें की आवाज़)
VOICE OF ORPHAN BOYS
तआवुन की मुखतलिफ शक्लें हैं, कोई भी एक काम अपने ज़िम्मे लें।
( THERE ARE DIFFERENT WAYS FOR CO-OPERATION AND HELP.)
( TAKE THE LIABILITY OF ANY WORK OF THEM.)
- इनायत (I.T.I.) इंडस्ट्रील टेªनिंग इंस्टीच्यूट के किसी ट्रेड के लिए आलात व मशीनरी की खरीदारी करा दें।
- सदक़ा जारिया के लिए किसी अपने बुर्जुग के नाम या अपने नाम कमरा या हॉल बनवाएँ जिस के खर्च का तखमीना ढाई, लाख रू0 से जा़एद ( Above 2.5 lac) है।
- कफाला स्कीम (Sponsorship) के तहत एक यतीम बच्चे का सालाना खर्च जो पच्चीस हजार (Rs. 25,000) रू0 है अपने जिम्मा लें, या दूसरें को एक यतीम बच्चे की कफालत का बार उठा कर कारे खै़र में हिस्सा लेने की तरगीब दें । .
- क़लमी, जिस्मानी, माली, ज़बानी ( यानी दूसरों को इमदाद के लिए तवज्जा दिलाना ) इमदाद दें और दिलाएँ ।
- ज़कात (◉ फितरा ◉ अतियात ◉ सदक़ात ◉ खैरात और चर्म कुरबानी या उस की क़ीमत से अदारह की मदद फरमाएँ।
- एक या एक से ज्यादा असातज़ह की एक माह की तनख्वाह दे कर, एक उस्ताद की एक माह की तानख्वाह (RS 9,000 /) अपने ज़िम्मा लें।
- एक दर्जा या क्लास के लिए फर्नीचर बनवादें, या किसी साहब से दिलवा सकें तो दिलवा दें । एक क्लास के फर्नीचर का तखमीना तकरीबन 40 हजार (40,000/) रू0 है ।
- यतीमखाना इस्लामिया गया का वैसे अफराद से तआरूफ करवाएँ जो खुद भी तआवुन करें या इस के लिए दायमी आमदनी का इंतजाम करा सकें।
- तमाम तदरीसी और ग़ैर-तदरीसी स्टाफ के एक महीने की तनख्वाह का इंतजाम करवा कर । तकरीबन एक लाख रू0 (Rs.100,000/) दें या दिलवाएँ ।
- 75 यतीम बच्चों के लिए मौसमे सरमा के कपड़े ( काला मफलर और गहरे हरे रंग का स्वेटर ) का इंतजाम कराएँ या तकरीबन एक लाख रू0 (Rs.100,000/) दें या दिला दें।
- 75 यतीम बच्चों के लिए एक महीना का सिर्फ खोराक, मसलन, चावल, गेहूँ, दाल, तेल, का नज़्म करवाएँ,तक़रीबन एक लाख रू0 (Rs. 100,000/)
- 75 यतीम बच्चाें के लिए एक आम लिबास, और चप्पल, खरीद दें ।तकरीबन पचहतर हजार रू0 (75,000/)
- तालीम और नज़्म -ओ- नस्क से मुतलिक्क गिराँ कद्र मशविरों से नवाज कर शुक्रिया का मौका दें।
- उर्दू टाइप राइटर (◉ कम्प्यूटर ◉ सिलाई मशीन ◉ वाशिगं मशीन ◉ बड़ी (BIG) फ्रिज
◉ कुर्सी ◉ जीप गाड़ी ◉ इलेक्ट्रिक इनवर्टर ◉ स्टेबिलाइजर ◉ वायरिगं के लिए तार वगैरह बड़ा जेनरेटर बेगैर आवाज़ का (SOUND LESS) खरीद दें।
- यतीमखाना में तालीम हासिल करने वाले बाहर के बच्चों को लाने और ले जाने के लिए एक स्कूल बस (SCHOOL BUS) का इंतजाम करा दें। .
याद रखें बैंक के सूद (INTEREST) की वह रक़म जो मुसलमानाें के लिए हराम है, उस रक़म को गरीब, यतीम लड़कों की नाख्वानदगी दूर करने के लिए और तालीम फैलाने के लिए लड़कों (boys) के लिए दारूल यतामा फंड में दें और दिलाएँ ।