अदारह में अहम शख्सियात की आमद और तास्सुरात
(IMPRESSIONS & OBSERVATIONS OF VISITORS & DIGNITARIES)
THE GAYA MUSLIM ORPHANAGE

अदारह में बहुत सारी मुअज़्ज़ज़ हस्तियाँ तशरीफ ला चुकी हैं, और बहुत सारे नामवर उलेमा ए दीन व दानिशवराने मिल्लत भी तशरीफ ला चुके हैं। लेकिन जगह की कमी की वजह कर बहुत कम ही लोगों के नाम क़दीम रजिस्टरे मुशाहिदात व तास्सुरात से निकाल कर दिए जा रहे हैं।

मुफ़क्किरे इस्लाम मौलाना सैयद अबुल हसन अली हसनीे नदवी साहब (अली मियाँ)
(Islamic Thinker Syed Abul Hasan Ali Hasani Nadvi Sb. (Ali Miyan)
"आज अलहमदुलिल्लाह ! हज़रत मौलाना सैयद अबुल हसन अली हसनी नदवी दामते बरकातुहुम की हमरेकाबी में चेरकी (गया) के वाहिद दारूल यतामा की ज़ियारत का शर्फ हासिल हुआ। यह हाज़िरी अमीरे शरियत बिहार व उड़ीसा हज़रत मौलाना निजामुद्दीन मदजलहुल आली के वतन मालूफ घोरी घाट के सफ्रर के दौरान हुई। इस सफर में उस्ताद हदीस नदवतुल उलेमा मौलाना खालिद गाज़ीपूरी नदवी और दीगर बहुत सारे दानिशवर भी शरीक थे। यतीमखाना इस्लामिया गया अपने महल-ऐ-वक़ूअ, इमारत के तनासुब सफाई, और निज़ामत और इल्मी व तालीमी सरगर्मियों के लिहाज़ से बहुत मुम्ताज़ और नुमायाँ महसूस हुआ। ज़िम्मादारान का अनहमाक, तनदही, और फिक्रमंदी इस अदारे को खूब से खूब तर बनाने की सअी में दिन रात कोशाँ है।
(माखूज़ क़दीम रज़िस्टर मुशाहिदात व तास्सुरात) डाक्टर ज़ाकिर हुसैन खाँ साहब मरहूम साबिक गवर्नर, बिहार व सदर जम्हूरिया हिन्द
(Dr. Zakir Husain Khan sb. Former Governor of Bihar & President of India)
"आज यतीमखाना के जलसा में यह बात कही कि ये हमारी क़ौम के बच्चे हैं। हमारा फर्ज़ यह है कि जो हम खुद खाएँ इन को खिलाएँ, हम जो खुद पहनें इन को पहनाएँ और इन को महसूस न करने दें कि ये यतीम हैं। इस बात की ताकीद की। हम को अपनी मदद आप करने के उसूल पर चलना चाहिए।
(माखूज़ क़दीम रज़िस्टर मुशाहिदात व तास्सुरात) सैयद अहमद उरूज क़ादरी साहब रह0 एडीटर माहनामा "ज़िन्दगी" रामपूर (यू0 पी0) अलहिन्द
SYED AHMAD UROOJ QUADRI SB. EDITOR MONTHLY “ZINDAGI”
"यतीमखाना के तआरूफी किताबचे और बाज़ ज़िम्मेदारों के ज़रिया जो कुछ मालूम हुआ, उस से यतीमखाना के हौसलामंद और नेक दिल बानी, जनाब इनायत खाँ मरहूम की मेरे दिल में क़दर पैदा हूई। अल्लाह तआला उनकी मग़फिरत फरमाए।आमीन"
(माखूज़ क़दीम रज़िस्टर मुशाहिदात व तास्सुरात) मौलाना सैयद निज़ामुद्दीन साहब साबिक़ नाज़िम अमारतशरिया
व सिक्रेटरी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
MAULANA SYED NEZAMUDDIN SB. AMEER-E-SHARIAT BIHAR & (ODISHA)
ORISSA, AND GEN. SEC. OF ALL INDIA MUSLIM PERSONAL LAW BOARD
हिफ्ज़ कुरान पाक और दीनी तालीम के एलावह मैट्रिक तक बाजाबता तालीम होती है। यह अक़ामती तालीम गाह है जिस में यतीम तलबा के लिए खुसूसी दारूल अकामा है। इस के अलावा दीगर तलबा के लिए भी एक बाजाबता होस्टल है। यतीमखाना की इमारतें भी बहुत साफ-सुथरी कुशादह और बा रौनक हैं। यतीमखाना के अहाता में एक वसीअ और आलीशान मस्जिद है। इस यतीमखाना का माहौल दीनी और तालीमी है।
(माखूज़ क़दीम रज़िस्टर मुशाहिदात व तास्सुरात) डा0 एम0 हैदर खाँ साहब कनवेनर ऑल इंडिया इस्लामिक
डेवलपमेंट बैंक (जद्दा) हैदराबाद (आँध्र प्रदेश) अलहिन्द
DR. M. HAIDER KHAN SB. HYDERABAD
यतीमखाना का दौरा करना हमारे लिए बहुत बड़ी खुशी की बात है। यह 1917 ई0 में क़ायम हुआ और बड़ी ही तशफ्फ़ी बख्श तरीके़ से तरक्क़ी कर रहा हैं। आइए हम इस की तेज़ रफ्तार तरक्क़ी और इल्म के मैदान में कामयाबी की दुआ करें। समाजी और मुखतलिफ क़िस्म की टेक्नोलोजी की तरक्क़ी के लिए भी दुआ करें। मैं इस अदारे की हमाजहत तरक्क़ी और कामयाबी की दुआ करता हूँ।
(माखूज़ क़दीम रज़िस्टर मुशाहिदात व तास्सुरात) डाक्टर एखलाकुर्रहमान किदवाई साहब मरहूम गवर्नर
हरियाणा व साबिक गवर्नर बिहार, बंगाल, चांसलर अलीगढ़
मुस्लिम यूनिवर्सिटी (अलीगढ़) अलहिन्द
DR. AKHLAQ-UR-RAHMAN QIDWAI SB. EX. GOVERNOR
OF BIHAR, BENGAL & HARYANA
"मैं इस अदारे का दुबारा दौरा करने पर बहुत ही खुश हूँ। इस अदारे की तरक्क़ी के लिए मैं यहाँ की मजलिसे मुंतजिमा, कारकुनान और तलबा को मुबारक़बाद देना चाहता हूँ। मैं उन्हें जी0 एम0 ओ0 टेक्निकल ट्रेनिंग इंस्टीटयूट के क़याम के लिए भी मुबारक़बाद देना चाहता हूँ। और उन की हमाजहत कामयाबी का ख्वाँहा हूँ।
(माखूज़ क़दीम रज़िस्टर मुशाहिदात व तास्सुरात) मौलाना मो0 खालिद नदवी साहब ग़ाज़ीपूरी, उस्ताद हदीस
दारूल उलोम नदवतुल उलेमा लखनऊ (यू0 पी0) अलहिन्द
MAULANA MD. KHALID NADVI SB. GHAZIPURI,
NADWATUL-ULEMA, LUCKNOW. (U.P.) INDIA
मुकाम चेरकी जो शहर से दूर होने के बावजूद इस यतीमखाना की बरकत से दिल-ओ-निगाह से क़रीब तर है। इस हौसला शिकन हालात में अराकीन की मेहनत का यह समरह काबिले तशक्कुर व इत्मीनान है, और अहले खैर हज़रात की तवज़्ज़ा का मुस्तहक है। यह बहुत अच्छा काम है और हर वक्त का काम है। जहाँ कहीं फसाद होता है, वहाँ कितने बच्चे यतीम, हो जाते हैं। वहाँ ईसाई मशीनरी के लोग पहुँच जाते हैं और बच्चों की कफालत के उनवान से उन की दीन और मुअ-तकीदात पर शबखून मारने लगते हैं। लेहाजा ज़रूरत है कि ऐस बहुत से मराकिज़ कायम किए जाएँ और दीगर इलाकों के लिए यह मिसाली अदारह और काम का मर्कज़ साबित हो सकता है।
(माखूज़ क़दीम रज़िस्टर मुशाहिदात व तास्सुरात) मौलाना सैयद असरारूल हक साहब, किशनगंज (बिहार) मेम्बर ऑफ पारलियामेंट
MAULANA SYED ASRAR-UL-HAQUE SB. MEMBER OF PARLIAMENT
"मैं जानता हूँ कि यह अदारा बहुत क़दीम है। मगर इस क़दामत के साथ इस अदारे को जैसी तरक्की करनी चाहिए थी, वैसी नहीं हुई। यह इलाक़ा और कुर्ब-ओ-ज्वार के लोगों की नातवज्जही की अलामत है। इस पुर आशोब और फितनाखेज़ दौर में इस किस्म के दीनी व मिल्ली अदारों की ज़्यादा से ज्यादा मदद दे कर क़ौम की जिन्दगी और तवानाइ का इंतजाम करना चाहिए। यह हमारा ज़ाती फरीज़ा हैं। हुकूमत या अग़ियार हमारे दीन की आबियारी के पाबंद नहीं हैं। मैं क़ौम से पुरज़ोर अपील करता हूँ कि यतीमखाना चेरकी को ज़्यादा से ज़्यादा मदद कर के इस को कॉलेज और दर्स निज़ामिया का नज़्म क़ायम करने के लायक़ बनाएँ। इन्नाल्लाह ला युग़य्यीरू मा बिकौमिन हत्ता यूग़य्यीरू मा बिअनफुसिहिम
नोट क़ुरान की इस आयत का मतलब -

खुदा ने आज तक उस क़ौम की हालत नहीं बदली
न हो जिस को ख्याल खुद अपनी हालत के बदलने का

(माखूज़ क़दीम रज़िस्टर मुशाहिदात व तास्सुरात) प्रोफेसर अब्दुल मोग़नी साहब साबिक वाइस
चांसलर मिथिला यूनिवर्सिटी दरभंगा (बिहार) अलहिन्द
PRO. ABDUL MOGHNI SB. EX. VICE CHANCELLOR MITHILA
UNIVERSITY, DARBHANGA (BIHAR) INDIA
यतीमखाना चेरकी न सिर्फ ग़ैर मुनक़सिम ज़िला गया बल्कि आस-पास के दुसरे इज़लाअ के भी यतीमों की तालीम-ओ-तरबीयत और परवरिश का सब से अहम नुमायाँ और कारगुजार अदारह है। इस के ज़रिया समाज को सालहा-साल से दुरहा-ए-यतीम मिल रहे हैं। इस के कारकुन निहायत मुखलिस, मुसतईद और बैदारमग़्ज़ हैं।
(माखूज़ क़दीम रज़िस्टर मुशाहिदात व तास्सुरात) मौलाना अब्दुस समी जाफरी साहब, साबिक अमीर अमारते अहले
हदीस सादिक़पूर पटना (बिहार) सरपरस्त व सेक्रेटरी जामिया
इसलाहिया सलफिया पटना (बिहार) अलहिन्द
Maulana Abdus Sami Jafferi Sb.
Ameer Emarat Ahle -Hadith, Sadiquepur, Patna, Bihar
अरबी ज़बान में यह बात कही गई हैं। ’’अलवलदु सयदुल्अबीह’’ यानी बच्चा अपने बाप का आईनादार होता है। इसी तरह बेतकल्लुफ तोर से यह बात कही जा सकती है कि ’’अलतलबा व तलामज़ह सरला असातजहुय’’ यानी तलबा या शागिर्द अपने असातजह के आइना दार हुआ करते हैं। दुआ है कि रब्बे करीम इस गुलिस्ताने दीन-ओ-दुनिया के बर्ग-ओ-बार को सदा हरा-भरा और फलता-फूलता रखे।
(माखूज़ क़दीम रज़िस्टर मुशाहिदात व तास्सुरात) सैयद हामिद साहब, चांसलर हमदर्द यूनिवर्सिटी व साबिक
वाइस चांसलर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ (यू0 पी0) अलहिन्द
Syed Hamid Sb. Chancellor Hamdard University Delhi
"इस अदारे के बनाने वाले और इसे चलाने वाले मुबारकबाद के मुसतहक हैं कि उन्होंने महसूस किया कि इन बच्चों के तअीँ मुआशरह की क्या ज़िम्मेदारियाँ हैं। और इन ज़िम्मेदारियाँ को निबाहने, की उन से ओहदा बर आ होने की कामयाब कोशिश भी की। दुनिया बराबर हरकत में है और वह लोग जो आगे नहीं बढ़ते वह खुद-ब-खुद पीछे की तरफ चले जाते हैं।
(माखूज़ क़दीम रज़िस्टर मुशाहिदात व तास्सुरात) मौलाना सैयद मोहम्मद राबेअ हसनी नदवी साहब,
सदर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, व नाज़िम
दारूल उलोम नदवतुल उलमा लखनऊ (यू0 पी0) अलहिन्द
Maulana Syed Mohammad Rabey Hasni Nadvi Sb.
President All India Muslim Personal Law Board
"यतीमखाना इस्लामिया गया के इजलास में शिरकत का मौका मिला। तलबा के नज़्म और तालीम के निज़ाम से वाक़फियत हासिल कर के बड़ी मुसर्रत हुई। इस से क़बल जामियतुल बनात ’’मुस्लिम’’लड़कियों का यतीमखाना गया, वाकेअ कोलौना, चेरकी गया जो इस मदरसा के मुंतज़मीन ही के ज़ेरे निगरानी चल रहा हैं देखने का मौका मिला। दोनों मदरसे बड़ी खिदमत अंजाम दे रहे है। अल्लाह तआला मज़ीद तरक्क़ी अता फरमाए और कायम करने वालों को अज्र अता फरमाए।
(माखूज़ क़दीम रज़िस्टर मुशाहिदात व तास्सुरात) मोहम्मद फारूक़ खाँ साहब दिल्ली मुतरज्जिम हिन्दी क़ूरान शरीफ व उर्दू
Maulana Mohammad Farooque khan Sb. Delhi
"Hindi & Urdu Translator of The Holy Qur’an”
यतीमखाना गया को तफ़सील से देखने का मुझे शर्फ हासिल हुआ। यहाँ चंद रोज़ मैं ने क़याम भी किया। यह यतीमखाना शहरी हंगामा से हट कर एक निहायत खुले और कुशादा मुकाम पर वाकेअ है। यतीमखाना की फिज़ा निहायत पुरसूकून और बा रौनक़ महसूस हुई। नमाज़ के लिए मस्जिद निहायत बा रौनक़ और साफ-सूथरी मौजूद है। इस ने यहाँ की फिज़ा काे पुरनूर बना रखा है। यहाँ बच्चाें और तलबा की तालीम-ओ-तरबीयत के एलावह उन की ज़हनी व फिकरी नशूवनुमा का भी पूरा ख्याल रखा जाता है। उन की सेहत की तरफ से भी अदारह के ज़िम्मादार ग़ाफिल नहीं है। फर्स्ट एड सेन्टर क़ायम है।
(माखूज़ क़दीम रज़िस्टर मुशाहिदात व तास्सुरात) मौलाना मुजीबुल्लाह नदवी साहब शेखुल
जामिया, जामियतुर रशाद, आज़मगढ़, (यू0 पी0) अलहिन्द
Maulana Mujibullah Nadvi Sb. Shaikhul
Jamia-tur-Rishad, Azamgarh (U.P.) India
इस अदारह को देख कर अंदाज़ह हुआ कि यहाँ के मुंतज़मीन की हिन्दुस्तान के मौजूदा हालात पर नज़र है और पूरे अनहमाक से मुसलमान नस्ल को तालीमयाफ्ता बनाने के फिकर है। यहाँ पहुँच कर सब से ज्यादा खुशी इस बात की हुई कि इस अदारा को चलाने में हर तबक़ा के हज़रात लगे हुए हैं। इस में डाक्टर, इंजिनियर, अहले इल्म और उलेमा सब एक साथ मिल कर काम कर रहे हैं और सब ही का जोश खरोश देखने में आया।
(माखूज़ क़दीम रज़िस्टर मुशाहिदात व तास्सुरात) इब्राहीम सुलेमान सेठ साहब मरहूम, साबिक सदर
ऑल इंडिया यूनियन मुस्लिम लीग व मेम्बर ऑफ पारलियामेंट
IBRAHIM SULEMAN SETH SB. PRESIDENT ALL
INDIA UNION MUSLIM LEAGUE & EX.M.P.
मुझे इस बात की बेहद मुसर्रत है कि यह मुस्लिम यतीमखाना जिस को 75 साल पहले एक वली सिफत मर्द मोमिन जनाब इनायत खाँ ने कायम किया था, तरक्की की मंजिलें तय करते हुए आगे बढ़ रहा है। अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त बानी-ए-यतीमखाना को जज़ाए खैर से नवाजे। आज इस यतीमखाना की खूबसूरत दो मंज़िला इमारत है और एक अजीमु-शान मस्जिद भी यहाँ मौजूद है। यहाँ पर टेक्निकल स्कूल के क़याम के नेक मंसूबे हैं। मुंतज़मीन इस अदारे की तरक़्क़ी और मिल्लत इस्लामिया नौजवान नस्ल की खिदमात के लिए गिराँक़द्र मंसूबे रखते हैं।
(माखूज़ क़दीम रज़िस्टर मुशाहिदात व तास्सुरात) जस्टिस ए0 एम0 अहमदी साहब, साबिक़ चीफ
जस्टिस सुप्रिम कोर्ट ऑफ इंडिया, व साबिक चांसलर
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ़, (यू0 पी0) अलहिन्द
JUSTICE A. M. AHMADI SB. FORMER CHIEF
JUSTICE SUPREME COURT OF INDIA, AND EX.
CHANCELLOR OF ALIGARH MUSLIM UNIVERSITY
जनाब इनायत खाँ साहब के जरिया 86 साल क़बल जिस बीज को लगाया गया था, आज वह मुकम्मल तौर से फूल की तरह खिल कर यतीमखाना बन चुका है। इस अदारे की इंतजामिया अपने तलबा को बेहतरीन तालीम दिलवाने के लिए खुसूसी तवज्जा देती है। मैं इस अदारे के ज़रिया मद्दाऊ किए जाने पर अपनी खुश नसीबी महसूस करता हूँ। और तालीम के मैदान में यतीम और दूसरे बच्चों को दी जाने वाली तालीमी खिदमात से बहुत मुतास्सिर हुआ।
(माखूज़ क़दीम रज़िस्टर मुशाहिदात व तास्सुरात)

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